- मणिपाल हॉस्पिटल्स ने पूर्वी भारत का पहला एआई-संचालित इंजेक्टेबल वायरलेस पेसमेकर सफलतापूर्वक स्थापित किया
- Manipal Hospitals successfully performs Eastern India’s first AI-powered injectable wireless pacemaker insertion
- Woxsen University Becomes India’s First Institution to Achieve FIFA Quality Pro Certification for RACE Football Field
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने यू – जीनियस राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी फिनाले में प्रतिभाशाली युवाओं का किया सम्मान
- Union Bank of India Celebrates Bright Young Minds at U-Genius National Quiz Finale
इन्सोल्वेंसी प्रोफेशनल का काम बड़ा चुनौतीपूर्ण: सारस्वत
इन्सोल्वेंसी एंड बैंकरपसी कोड तथा बिजऩेस सब्सिडी पर सेमिनार
इंदौर. इंदौर सीए शाखा द्वारा इन्सोल्वेंसी एंड बैंकरपसी कोड तथा व्यापार के लिए उपलब्ध केंद्र तथा राज्य सरकार की विभिन्न सब्सिडी योजनाओं पर एक सेमिनार का आयोजन शुक्रवार को सीए भवन में किया गया.
मुख्य वक्ता तथा इन्सोल्वेंसी प्रोफेशनल सीए टीना सारस्वत ने बताया कि नए इन्सोल्वेंसी एंड बैंकरपसी कानून से वर्तमान वैश्विक बाजार में भुगतान व्यवस्था में संतुलन तथा विश्वास का माहौल पैदा हुआ है. इसके अतिरिक्त केंद्र तथा राज्य सरकार की कई सब्सिडी योजनायें व्यापार तथा व्यवसाय को आगे बढ़ाने में सहायक होती हैं.
उन्होंने कहा कि इन्सोल्वेंसी प्रोफेशनल का काम बड़ा चुनौतीपूर्ण होता है. इसमें इंटरप्रेनरशिप स्किल की आवश्यकता होती है. यह चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए एक नई प्रोफेशनल ऑपरच्युनिटी है. इन्सोल्वेंसी प्रोफेशनल बनने के लिए चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को 10 वर्षों का अनुभव जरुरी है. भारत का इन्सोल्वेंसी एक्ट 2016 में लागु हुआ था जिसे एक इन्सोल्वेंसी प्रोफेशनल की जरुरत होती है जो कंपनी के लिए 9 महीने के भीतर बकायादारों के पुनर्भुगतान की योजना बनाता है. इन्सोल्वेंट कंपनी में शुरुवाती दौर में काम करना थोडा चुनौतीपूर्ण होता है. कंपनी के कामगारों को उम्मीद रहती है कि कंपनी दुबारा शुरू होगी और रोजगार बना रहेगा.
उन्होंने कहा कि इस कानून के बाद से बाजार में भुगतान व्यवस्था सुधरी है तथा विश्वास का माहौल बना है . क्रेडिटर तथा बैंकर्स का काफी डूबा हुआ पैसा इस कानून के द्वारा वापिस आया है.नए उद्योगों को जानकारी का आभावकेंद्र तथा राज्य सरकारों के द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी योजनाओं की जानकारी देते हुए सीए नीरज मिश्रा ने बताया कि सरकार के द्वारा नए उद्योग तथा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सब्सिडी योजनायें लाई गई हैं जिसके बारे में अभी भी व्यापार जगत में जानकारी का अभाव है.
नए उद्योगों और एंटरप्रेन्योर को स्पष्ट जानकारी नहीं होने के कारण इन योजनाओ का लाभ नहीं मिल पाता. अकेले पीएमईजीपी में ही भारत सरकार ने 5500 करोड़ रुपये का फण्ड अलॉट किआ हुआ है जिसे 2019-20 तक उपयोग करना है. उन्होंने कहा कि पहले केवल मशीन की लागत पर ही सब्सिडी की पात्रता होती थी लेकिन अब फैक्ट्री बिल्डिंग की लागत पर भी सब्सिडी की पात्रता होगी. सेमिनार का संचालन सचिव सीए हर्ष फिरोदा ने किया तथा धन्यवाद अभिभाषण सीए कीर्ति जोशी ने दिया.